
क्या युवाओं को रस आ रहा है अकेलापन ?
एक ओर दुनियां उनके अकेलेपन को लेकर हैरान-परेशान है | दूसरी ओर वे यानी हमारे युवा सोलो लिविंग के तौर तरीके अपनाने में आगे से आगे है |
अकेलापन में दुनियां में हो रहा है प्रयोग
आजकल अकेलापन को दूर करने के लिए तरह तरह के नुस्खे इजाद हो रहें हैं या यों कहें की आपका दुःख दर्द बांटने के लिए तैयार बैठें हैं |बस खुल के बात तो कीजिये |इसके अलाबा आपदा को अबसर में बदलने के लिए कुछ काबिलेगौर प्रयोग दुनियाभर में हो रह है जैसे की जापान की हैंडसम वीपिंग ब्योएस और मेनचेस्टर का हाउस ऑफ़ बुक्स एंड फ्रेंड्स इसे ही प्रयोग कर रहें हैं.
हर चार में से एक युवा अपने को अकेला मह्सूस कर रहा है
| 15-18 साल | 25% |
| 19-29 साल | 27% |
| 30-44 साल | 25% |
| 45-64 साल | 22% |
| 65 से ऊपर | 17% |
अकेलापन में आयी साथी
स्मार्टफोन का आगमन और सोशल मीडिया का उदय एक और तो अकेलापन का उदय का कारन है और समाधान भी बनने जा रहा है|
सुधार के पांच मंत्र
१ ) मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स का इस्तेमाल जरुरत के हिसाब से करें २)घर परिवार और दोस्तों से ज्यादा बात करें ३)खुद पे तनाव और अवसाद को हाबी होने न दें ४)आउटडोर एक्टिविटी के लिए समय निकालें ५)प्रयाप्त नींद लें और मन को आराम दें |
धन्यवाद