one nation one election

one nation one election:एक देश-एक चुनाव का अर्थव्यवस्था पर क्‍या असर पड़ेगा, क्‍या महंगाई कम होगी और निवेश बढ़ेगा,गरीबी काम होगी ?

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा में आज यानी मंगलवार को एक देश-एक चुनाव (one nation one election )का संशोधन बिल पेश किया। लोकसभा में वन नेशन-वन इलेक्शन बिल के पक्ष में 269 वोट तो विरोध में 198 वोट पड़े हैं। 

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one nation one election:

आप ये तो जनतें हैं की हमारे देश मे आए दिन चुनाव होतें रहते हैं| कभी इस राज्य मे तो कभी उस राज्य जिसके कारण चुनावी सरगर्मी लगभग बना रहता है और कई काम सही से नहीं हो पाता है इसीलिए one nation one election bill loksabha में लाया गया |

भारत में “एक राष्ट्र, एक चुनाव” का विचार एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद विषय रहा है। यह प्रस्ताव करता है कि केंद्र और राज्य सरकारों के चुनाव एक ही समय पर आयोजित किए जाएं, यानी देश में सभी चुनाव एक साथ हों।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पहले कार्यकाल से ही एक देश-एक चुनाव की व्यवस्था अपनाने की जरूरत पर जोर देते रहे हैं। उनकी सोच है कि नेताओं को चार वर्ष तक शासन व्यवस्था और नीतियों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और एक वर्ष राजनीति करनी चाहिए।

क्‍या है एक देश-एक चुनाव? (What is one nation one election?) एक देश एक चुनाव का मतलब है एक ही समय मे लोकसभा और राज्य के बिधानसभा का चुनाव एक साथ हो |

इसके साथ ही स्थानीय निकायों यानी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत और ग्राम पंचायतों के चुनाव भी हों। इसके पीछे विचार है कि ये चुनाव एक ही दिन या फिर एक निश्चित समय सीमा में कराए जा सकते हैं।

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भारत मे चुनाव : (one nation one election)

भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहां केंद्र (लोकसभा), राज्य (विधानसभा) और स्थानीय चुनावों का आयोजन नियमित रूप से होता है। ये चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं|जिसके कारण आए दिन चुनाव होते रहते हैं |

“एक राष्ट्र, एक चुनाव”( one nation one election) का विचार नया नहीं है; इसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी कई नेताओं ने प्रस्तावित किया था। हालांकि, हाल के वर्षों में यह विषय एक बार फिर चर्चा में आया है, खासकर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर जोर दिया और 2018 में भारत के कानून आयोग ने इस पर विस्तृत विचार किया। आयोग ने इस विचार को लागू करने की सिफारिश की, लेकिन इसके साथ ही कुछ संशोधनों की आवश्यकता को भी माना।

एक राष्ट्र, एक चुनाव का भारतीय अर्थव्ययबस्था पे असर :(one nation one election)

कोविन्द कमेटी की रिपोर्ट बताती है कि सभी चुनाव एक(one nation one election) साथ होने पर भारत की राष्ट्रीय रियल जीडीपी ग्रोथ अगले वर्ष 1.5 प्रतिशत बढ़ जाएगी। जीडीपी का 1.5 प्रतिशत वित्त वर्ष 2023-24 में 4.5 लाख करोड़ रुपये के बराबर था। यह रकम भारत के स्वास्थ्य पर कुल सार्वजनिक खर्च का आधा और शिक्षा पर खर्च का एक तिहाई है।

एक राष्ट्र, एक चुनाव से भारतीय बाजार मे निवेश पर असर :

देश मे हमेशा चुनाव के माहौल रहने से निवेशक मे भी  अनिश्चितता का भ्रम बन रहता है |जिससे निवेशक सही तरीका से निवेश नहीं कर पाते है जिसका असर सीधे जीडीपी पे होता है |

एक राष्ट्र, एक चुनाव के लाभ:(one nation one election)

एक राष्ट्र, एक चुनाव”(one nation one election) का सबसे बड़ा लाभ चुनावों के खर्च में कमी आना है। भारत में चुनावों का आयोजन बहुत महंगा होता है, जिसमें चुनाव प्रचार, सुरक्षा, मतदान केंद्रों की स्थापना, परिवहन, कर्मचारियों की नियुक्ति और मीडिया प्रचार पर भारी खर्च होता है। यदि सभी चुनाव एक साथ आयोजित किए जाएं, तो इन सभी खर्चों में कमी आ सकती है, जिससे सरकार का खर्च बच सके और उसे अन्य विकास कार्यों में लगाया जा सके।

एक राष्ट्र, एक चुनाव से राजनीतिक स्थिरता:(one nation one election)

one nation one election से सबसे बडी फायदा राजनीतिक स्थिरता होगी जिससे gdp मी बिर्धी के साथ – साथ चुनावी स्थिरता होगी |

धन्यवाद

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