chhath puja 2024 date and time
भारत में मनाए जाने वाले प्रमुख पर्वों में से एक है छठ पूजा, जो विशेष रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, और नेपाल के कुछ हिस्सों में धूमधाम से मनाई जाती है। यह एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, जो सूर्य देवता की पूजा से संबंधित है। छठ पूजा का आयोजन कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य सूर्य देवता से सुख, समृद्धि, और स्वास्थ्य की प्राप्ति है।
संध्या अर्घ्य
छठ पूजा में उगते और ढलते सूरज को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है. छठ पूजा में संध्या अर्घ्य की तिथि 7 नवंबर 2024 यानी कि गुरुवार के दिन है. यह छठ पूजा का सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है.
छठ पूजा 2024: तिथि और समय(chhath puja 2024 date and time)
2024 में छठ पूजा का आयोजन 31 अक्टूबर को गोधूलि वेला में होगा। यह पूजा चार दिनों तक चलने वाली होती है, जिनमें प्रमुख रूप से नहाय-खाय, ख़रना, संध्या अर्घ्य, और उषा अर्घ्य शामिल हैं।
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नहाय-खाय (29 अक्टूबर 2024): इस दिन व्रति (व्रति रखने वाला व्यक्ति) गंगा स्नान करके शुद्ध होकर एक विशेष प्रकार के भोजन का सेवन करते हैं। इस दिन को शुद्धि और प्रारंभिक पूजा का दिन माना जाता है।
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ख़रना (30 अक्टूबर 2024): इस दिन व्रति सूर्योदय से पहले उपवासी रहते हुए संतान सुख और समृद्धि के लिए विशेष प्रकार की पूजा करते हैं। रात में खास पकवान बनाए जाते हैं, जैसे कि खीर और रोटियाँ, जो व्रति को खाने के लिए दी जाती हैं। यह दिन पूजा का सबसे कठिन और महत्वपूर्ण दिन होता है।
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संध्या अर्घ्य (31 अक्टूबर 2024): इस दिन सूर्य देवता को संतान सुख और समृद्धि के लिए अर्घ्य दिया जाता है। लोग नदी, तालाब या अन्य जलस्रोतों के किनारे सूर्यास्त के समय खड़े होकर सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करते हैं। इस दिन का महत्व इसलिए है क्योंकि सूर्य देवता की उपासना से जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
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उषा अर्घ्य (1 नवंबर 2024): छठ पूजा का अंतिम दिन होता है। इस दिन सूर्योदय से पहले उषा के समय सूर्य देवता को फिर से अर्घ्य अर्पित किया जाता है। इसके बाद व्रति अपना उपवासी व्रत समाप्त करते हैं और प्रसाद ग्रहण करते हैं।
छठ पूजा का धार्मिक महत्व:(chhath puja 2024 date and time)
छठ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत गहरा है। यह पूजा विशेष रूप से सूर्य देवता और उनकी पत्नी उषा देवी की उपासना के रूप में जानी जाती है। भारतीय संस्कृति में सूर्य देवता को जीवन का स्रोत माना गया है, और उनका पूजन करने से शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
सूर्य देवता के आशीर्वाद से जीवन में हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और समृद्धि का वास होता है। इस पूजा को विशेष रूप से महिलाएँ अपने परिवार की सुख-शांति और समृद्धि के लिए करती हैं। माना जाता है कि सूर्य देवता की पूजा से संतान सुख, आयु, और सौभाग्य में वृद्धि होती है। घर मे शांति सुख का वास होता है
छठ पूजा के दौरान प्रचलित रिवाज:(chhath puja 2024 date and time)
छठ पूजा के दौरान कई रिवाजों और परंपराओं का पालन किया जाता है। इसमें सबसे प्रमुख है सूर्य देवता को अर्घ्य अर्पित करना। अर्घ्य देने के लिए विशेष प्रकार की थाली तैयार की जाती है, जिसमें फलों, ठेठरी, पूजा सामग्री, और जल भरा जाता है। व्रति सूर्योदय और सूर्यास्त के समय जल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
इसके अलावा, नदी में स्नान और पवित्र जल से शुद्धि के रिवाज भी बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। पूजा की समाप्ति पर परिवार के सदस्य एक-दूसरे से मिलकर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और एक-दूसरे को उपहार देते हैं।
chhath puja 2024 date and time
छठ पूजा का यह अद्भुत उत्सव समाज को एकजुट करने और पारंपरिक सांस्कृतिक मूल्यों को जीवित रखने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।
F & Q(Chhath Puja First Surya Argya Timing 2024):
(1) 2024 में छठ पूजा कब है?
Ans.:-Chhath Puja First Surya Argya Timing 2024: छठ पर्व की आज 5 नवंबर को नहाय खाय के साथ शुरू हो गई है। इस साल छठ पर्व 7 नवंबर को मनाया जाएगा। छठ पर्व एक चार दिवसीय महापर्व है|
(2) छठी कब है 2024 में?
Ans.:-Chhath Puja 2024 : कल से 05 नवंबर 2024 से नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत होगी और अगले दिन 08 नवंबर 2024 को उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्यदेव की पूजा की जाती है।
धन्यबाद