Mock drill in India:7 मई की ‘वॉर मॉक ड्रिल’ से पहले गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक ,ब्लैक आउट नागरिक प्रशिक्षण पर चर्चा
गृह मंत्रालय ने 7 मई को (Mock drill in India) 244 जिलों में पहली बार 1971 के बाद सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने की घोषणा की है | इस ड्रिल का उद्देश्य आपदा स्थितियों में तत्काल प्रतिक्रिया क्षमता विकसित करना है| ड्रिल की तैयारियों को लेकर दिल्ली में गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक की |

मॉक ड्रिल (Mock drill in India)क्या होती है?
मॉक ड्रिल एक पूर्व नियोजित अभ्यास होता है, जिसमें किसी संभावित आपदा या संकट की स्थिति को नकली रूप में तैयार कर उस पर प्रतिक्रिया का अभ्यास किया जाता है। यह बिल्कुल वैसा ही होता है जैसे फिल्म की शूटिंग, मगर इसमें असली प्रतिक्रिया देने की तैयारी की जाती है।
मॉक ड्रिल (Mock drill in India)का उद्देश्य:
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य होता है—आपदा की स्थिति में त्वरित, समन्वित और प्रभावी कार्रवाई करना सीखना। यह नागरिकों, अधिकारियों और आपदा प्रबंधन बलों को वास्तविक संकट से पहले तैयार करता है।
मॉक ड्रिल (Mock drill in India) कैसे की जाती है?
मॉक ड्रिल एक चरणबद्ध प्रक्रिया होती है:
- परिदृश्य (scenario) का चयन किया जाता है, जैसे कि आग लगना या भूकंप आना।
- समय, स्थान और प्रतिभागियों को पहले से सूचित किया जाता है (कभी-कभी अचानक भी होती है)।
- अभ्यास के दौरान सभी संबंधित एजेंसियां सक्रिय होती हैं।
- निष्कर्ष निकालकर सुधारात्मक सुझाव दिए जाते हैं।

राजस्थान के 28 शहरों में कल (7th may) होगा ब्लैकआउट, सायरन बजेंगे:युद्ध में हमले से बचाव के लिए मॉक ड्रिल; 1971 में हुई थीं |
मॉक ड्रिल (Mock drill in India) Update:
पहलगाम अटैक के बाद भारत-पाकिस्तान जंग के मुहाने पर हैं. दोनों देशों के बीच अभी कोल्ड वॉर जारी है. युद्ध की आग कभी भी भड़क सकती है. ऐसे में भारत ने अपनी ओर से तैयारी तेज कर दी है. केंद्र सरकार ने सुरक्षा तैयारियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है. गृह मंत्रालय ने देश के कई राज्यों को कल यानी 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं. कल सभी राज्यों में युद्ध के सायरन बजेंगे. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब पाकिस्तान को डर है कि भारत पलटवार करेगा. पहलगाम अटैक का बदला लेने के लिए कड़ा रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है.

मॉक ड्रिल के तहत एयर रेड वार्निंग सायरनों का संचालन होगा. यह बड़े खतरे और दुश्मन की गतिविधियों को लेकर अलर्ट जारी करने से जुड़ा कदम है. नागरिकों और छात्रों को संभावित हमलों की स्थिति में खुद को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा. क्रैश ब्लैकआउट की व्यवस्था की जाएगी. इसके तहत दुश्मन की हवाई निगरानी या हमले से शहरों और ढांचों को छिपाने के लिए आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किया जाएगा. कुल 244 शहरों में मॉक ड्रिल होगी. चलिए कल यानी 7 मई को किन-किन जिलों में युद्ध वाले सायरन बजेंगे और मॉक ड्रिल होगी.
7 मई को किन-किन जिलों में मॉक ड्रिल (mock drill list of cities):
भारत के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जिले – तालिका प्रारूप में
संख्या | राज्य का नाम | जिले / स्थान |
---|---|---|
1 | अंडमान-निकोबार | पोर्टब्लेयर |
2 | आंध्र प्रदेश | हैदराबाद, विशाखापत्तनम |
3 | अरुणाचल प्रदेश | अलोग, इटानगर, तवांग, हायुलिंग, बोमडिला |
4 | असम | बोंगाईगांव, डिब्रूगढ़, धुबरी, गोलपारा, जोरहाट, सिबसागर, तिनसुकिया, तेजपुर, डिगबोई, डिलियाजान, गुवाहाटी, रंगिया, नामरूप, नाजिरा, नॉर्थ-लखीमपुर, नुमालीगढ़, डारंग, गोलाघाट, बारबी-ग्लो-काकरा |
5 | बिहार | बरौनी, कटिहार, पटना, पूर्णिया, बेगूसराय |
6 | चंडीगढ़ | चंडीगढ़ |
7 | छत्तीसगढ़ | दुर्ग (भिलाई) |
8 | दादरा और नगर हवेली | दादरा (सिलवासा) |
9 | दमन और दीव | दमन |
10 | ओडिशा | तलचर, बालासोर, कोरापुट, गोपालपुर, हीराकुंड, प्रदीप, भद्रक, राउरकेला, ढेंकनाल, जगतसिंहपुर, केंद्र पाड़ा, पुरी |
11 | पंजाब | अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, गुरदासपुर, होशियारपुर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, बरनाला, भाखड़ा नांगल, हलवारा, कोठकापुर, बटाला, मोहाली, अबोहर, फरिदपुर, रोपड़, संगरूर |
12 | राजस्थान | कोटा, अजमेर, अलवर, बाड़मेर, भरतपुर, बीकानेर, बुंदी, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, उदयपुर, जोधपुर, सिकर, सुरतगढ़, अबू रोड, भिवारी, फुलेरा, लालगढ़, पाली, भिलवाड़ा, सवाई माधोपुर, जालोर |
13 | पुडुचेरी | पुडुचेरी |
14 | जम्मू-कश्मीर | अनंतनाग, बडगाम, बारामूला, डोडा, जम्मू, कारगिल, कठुआ, कुपवाड़ा, लेह, पूंछ, राजौरी, श्रीनगर, उद्यमपुर, सांबा, अखनूर, उरी, नौशेरा, सुंदरबनी, अवंतीपुर, पुलवामा |
15 | गुजरात | सूरत, वडोदरा, अहमदाबाद, जामनगर, गांधीनगर, भावनगर, ककरापुर, कांडला, नलिया, अंकलेश्वर, ओखा, वडिनार, भरूच, दंग्स, कच्छ, मेहसाना, नर्मदा, नवसारी |
16 | हरियाणा | अंबाला, हिसार, फरीदाबाद, गुड़गांव, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, झज्झर |
17 | झारखंड | बोकारो, गोमियो, गोड्डा, साहेबगंज |
18 | हिमाचल प्रदेश | शिमला |
19 | दमन एवं दीव | दमन |
20 | दिल्ली | नई दिल्ली, दिल्ली छावनी |
21 | चंडीगढ़ | चंडीगढ़ |
22 | गोवा | नॉर्थ गोवा, साउथ गोवा |
23 | पश्चिम बंगाल | कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, दुर्गापुर, ग्रेटर कोलकाता, हल्दिया, हाशिमारा, खरगपुर, आसनसोल, फरक्का, चितरंजन, बालुरघाट, अलीपुरद्वार, इस्लामपुर, दिनहाटा, मेखलीगंज, माथाभांगा, कलिंपोंग, जलढाका, कुर्सियांग, कोलाघाट, बर्धमान, बीरभूम, पूर्व मेदनीपुर, हावड़ा, हुगली, मुर्शिदाबाद |
24 | उत्तर प्रदेश | बुलंदशहर, आगरा, प्रयागराज, बरेली, गाजियाबाद, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, वाराणसी, मुगलसराय, सरसावा, बागपत, मुजफ्फरनगर |
25 | त्रिपुरा | अगरतल्ला |
26 | उत्तराखंड | देहरादून |
27 | महाराष्ट्र | मुंबई, तारापुर, ठाणे, पुणे, नासिक, पिंपरी चिंचवाड, औरंगाबाद, भुसावल, रायगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग |
28 | मध्य प्रदेश | भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, कटनी |
29 | लक्षद्वीप | लक्षद्वीप |
30 | कर्नाटक | बेंगलुरु, मल्लेश्वर, रायचूर |
31 | केरल | कोचीन, तिरुवंतपुरम |
32 | मेघालय | ईस्ट खासी हिल्स, जैंतिया हिल्स, वेस्ट गारो हिल्स |
33 | मिजोरम | आइजोल |
34 | मणिपुर | इंफाल, चुराचांदपुर, उखरूल, मोरेह, निगंथौ-खौंग |
35 | नागालैंड | दीमापुर, कोहिमा, मोकोकचुंग, मोन, फेक, थियोनसांस, वोखा, जूनहेबोटो, किफिरे, पेरेन |
36 | सिक्किम | गंगटोक |
37 | तमिलनाडु | चेन्नई |
FAQs :
Q1: मॉक ड्रिल कितनी बार की जानी चाहिए?
हर तीन से छह महीने में एक बार मॉक ड्रिल करना अच्छा अभ्यास माना जाता है।
Q2: क्या स्कूलों में मॉक ड्रिल जरूरी है?
हाँ, स्कूलों में बच्चों को आपदा से निपटना सिखाना अत्यंत आवश्यक है।
Q3: मॉक ड्रिल और वास्तविक आपदा में क्या अंतर है?
मॉक ड्रिल पूर्व नियोजित और सुरक्षित होती है, जबकि वास्तविक आपदा अप्रत्याशित और खतरनाक होती है।
Q4: क्या मॉक ड्रिल में आम नागरिक भाग ले सकते हैं?
बिलकुल, आम नागरिकों की भागीदारी से ही यह अभ्यास प्रभावशाली बनता है।
Q5: क्या ऑनलाइन मॉक ड्रिल संभव है?
कुछ भागों में जैसे प्रशिक्षण और अवेयरनेस, ऑनलाइन मॉक ड्रिल संभव है।
THANK YOU